सुनील गावस्कर बायोग्राफी – Sunil Gavaskar Biography

सुनील गावस्कर – लिटिल मास्टर की कहानी
सुनील गावस्कर भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक माने जाते हैं। उन्होंने 1970 और 1980 के दशक में भारतीय टीम की बल्लेबाज़ी की रीढ़ मानी जाने वाली भूमिका निभाई। वे पहले बल्लेबाज बने जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 10,000 से अधिक रन बनाए और उनकी तकनीक, धैर्य और एकाग्रता ने उन्हें “लिटिल मास्टर” का खिताब दिलाया।
सुनील गावस्कर | |
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पूरा नाम | सुनील मनोहर गावस्कर |
जन्म तिथि | 10 जुलाई 1949 |
जन्म स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
बैटिंग स्टाइल | दाएं हाथ के ओपनिंग बल्लेबाज |
बॉलिंग स्टाइल | दाएं हाथ के पार्ट-टाइम गेंदबाज |
भूमिका | बल्लेबाज |
टीमें | भारत, मुंबई, वेस्ट ज़ोन, समरसेट |
अंतरराष्ट्रीय डेब्यू | टेस्ट: 6 मार्च 1971 बनाम वेस्ट इंडीज |
घरेलू डेब्यू | 1967 – मुंबई |
जर्सी नंबर | — (उस समय जर्सी नंबर नहीं होते थे) |
उपलब्धियां | 10,000+ टेस्ट रन, पद्म भूषण, ICC Hall of Fame (2009), पहले बल्लेबाज जिन्होंने टेस्ट में 34 शतक लगाए |
पत्नी | मार्शा गावस्कर |
बेटा | रोहन गावस्कर |
प्रेरणा | विजय मर्चेंट |
इनकम (2025 अनुमानित) | ₹30-40 करोड़ (कमेंट्री, ब्रांड एंडोर्समेंट्स, लेखन) |
सोशल मीडिया | Twitter (अनऑफिशियल) |
👶 प्रारंभिक जीवन और परिवार
- पूरा नाम: सुनील मनोहर गावस्कर
- जन्म: 10 जुलाई 1949, बॉम्बे (अब मुंबई), महाराष्ट्र
- पिता: मनोहर गावस्कर (खिलाड़ी और लेखक)
- मां: मीना गावस्कर
- पत्नी: मार्शा गावस्कर
- बेटा: रोहन गावस्कर (पूर्व क्रिकेटर)
सुनील गावस्कर का बचपन क्रिकेट से जुड़ा रहा। उन्होंने स्कूल स्तर से ही क्रिकेट खेलना शुरू किया। वे सेंट जेवियर्स स्कूल और बाद में बॉम्बे यूनिवर्सिटी से पढ़े। उनके चाचा माधव मानेकर भी क्रिकेटर थे, जिससे उन्हें काफी प्रेरणा मिली।
🏏 क्रिकेट करियर की शुरुआत
सुनील गावस्कर का अंतरराष्ट्रीय डेब्यू 1971 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ हुआ। डेब्यू सीरीज में ही उन्होंने 774 रन बनाए – जो आज भी डेब्यू टेस्ट सीरीज में किसी बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रन हैं। उसी सीरीज से उन्होंने दुनिया को अपने आने की धमक सुना दी।
🧪 टेस्ट करियर
- टेस्ट मैच: 125
- रन: 10,122
- औसत: 51.12
- शतक: 34
- अर्धशतक: 45
- सर्वाधिक स्कोर: 236* बनाम वेस्ट इंडीज़
गावस्कर ने लगभग हर बड़े गेंदबाज के खिलाफ रन बनाए, चाहे वह एंडी रॉबर्ट्स हो, माइकल होल्डिंग, डेनिस लिली या इमरान खान। तेज गेंदबाजों के खिलाफ बिना हेलमेट के खेलना उनकी बहादुरी को दर्शाता है।
🏟️ वनडे करियर
- वनडे मैच: 108
- रन: 3,092
- औसत: 35.13
- शतक: 1
- अर्धशतक: 27
- सर्वश्रेष्ठ स्कोर: 103*
हालाँकि वनडे में वे उतने प्रभावशाली नहीं रहे जितने टेस्ट में थे। उनका एक मैच – 1975 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ 174 गेंदों में 36 रन – आज भी चर्चित है, जो उस वक्त की धीमी बल्लेबाजी का उदाहरण बना।
🏆 महत्वपूर्ण उपलब्धियां और रिकॉर्ड्स
- टेस्ट क्रिकेट में 10,000 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज
- टेस्ट में 34 शतक – उस समय एक विश्व रिकॉर्ड
- ICC Hall of Fame में शामिल (2009)
- 1983 की वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य
- उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित किया गया
- उन्होंने 1971 में भारत की पहली टेस्ट सीरीज जीत में अहम भूमिका निभाई
- उन्होंने कई बार टीम की कप्तानी भी की, हालांकि कप्तानी में उनका रिकॉर्ड औसत रहा
🎙️ रिटायरमेंट के बाद का जीवन
सुनील गावस्कर 1987 में क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने क्रिकेट कमेंट्री की दुनिया में प्रवेश किया और बहुत ही सफल कमेंटेटर बने। उनकी आवाज, गहरी समझ और बेबाक राय ने उन्हें फैंस में लोकप्रिय बना दिया।
इसके अलावा वे लेखक भी हैं। उन्होंने कई किताबें लिखीं, जिनमें उनकी आत्मकथा “Sunny Days” और “Runs n’ Ruins” शामिल हैं। वे BCCI और ICC में भी समय-समय पर सलाहकार की भूमिका निभाते रहे हैं।
📚 किस्से और रोचक तथ्य
- उनका जन्म के समय अस्पताल में गलती से उन्हें किसी और बच्चे से बदल दिया गया था, लेकिन उनके चाचा ने कान के पास के निशान से पहचान लिया।
- वे बहुत ही अनुशासित और तकनीकी रूप से परिपक्व खिलाड़ी थे।
- एक बार उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ हेलमेट के बिना 90 मील प्रति घंटा की गेंदों का सामना किया।
- उन्हें लोग “लिटिल मास्टर” इसलिए कहते थे क्योंकि उनकी हाइट भले ही कम थी, लेकिन बल्लेबाज़ी में ऊंचाई बहुत थी।
👨👦 परिवार और व्यक्तिगत जीवन
उनके बेटे रोहन गावस्कर भी एक बाएं हाथ के बल्लेबाज थे और भारत के लिए कुछ वनडे मैच खेले। सुनील गावस्कर हमेशा अपने परिवार के करीब रहे हैं और खेल में ईमानदारी और समर्पण के प्रतीक माने जाते हैं।
🏁 निष्कर्ष
सुनील गावस्कर भारतीय क्रिकेट का ऐसा स्तंभ हैं जिन्होंने आने वाली पीढ़ियों के लिए रास्ता बनाया। वे सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं थे, बल्कि एक आदर्श, एक प्रेरणा थे। उनके क्रिकेट में योगदान को शब्दों में समेटना मुश्किल है। वो ऐसे पहले खिलाड़ी थे जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को आत्मविश्वास दिया कि हम भी दुनिया को हरा सकते हैं।
अगर आप चाहें तो मैं उनके कुछ बेस्ट इनिंग्स का भी सारांश दे सकता हूँ, या फिर उनके प्रेरणादायक उद्धरण (quotes)। बताइए आगे क्या जानना है? 😊